कटिया फंसाकर हो रही बिजली की चोरी
भारत रक्षक न्यूज
आर के शर्मा महराजगंज
महराजगंज निचलौल बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग तरह-तरह के इंतजाम कर रही है वहीं निजी कर्मचारियों की मिलीभगत से कटिया फंसाकर बिजली चोरी की जा रही है और राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसे लेकर न तो विभाग गंभीर दिख रहा है और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
एक यैसा ही एक मामला बिजली चोरी विभाग की लापरवाही या कटिया फसाने वाले कि सीना जोरी
ग्राम सभा बलहीखोर टोला चनकपूर थाना कोठी भार जनपद महाराजगंज विधुत आपूर्ति छेत्र निचलौल निवासी धीरेंद्र कुमार चौधरी पुत्र स्वर्गीय राम कृपाल चौधरी द्वारा आए दिन विद्युत पोल से कटिया फसा कर बिजली चोरी करने का मामला सामने आया है जो या तो विभाग की मिली भगत हो सकता है या फीर राजनैतिक दबाव हो सकता है जिसकी वजह से बिजली को नाजायज तरीके से इस्तेमाल करने में ग्रामीण को कोई फर्क नहीं पड़ता निचलौल विद्युत जे ई महोदय के अनुसार बताया गया की कटिया फसाने का कोई प्राविधान नही है ऐसी स्थिति में अगर कोई पाया गया तो तत्काल कानूनी कार्रवाई किया जाएगा लाइन मैन के अनुसार ग्रामीण को बार बार मना करने के बाद भी विद्युत चोरी नहीं रुक रही है जब की जनपद महाराजगंज की विजिलेंस टीम भी विद्युत चोरी का नजारा देख रही है या कार्यवाही करने में उदासीनता बरती जा रही हैं
बिजली विभाग के अधिकारियों पर बकाया वसूली व चोरी पकड़ने का दबाव है। अधिकारी आदेश के अनुसार छापामारी भी कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को इसमें ज्यादा सफलता नहीं मिलती दिख रही है। बलहीखोर टोला जहां कटिया फंसाकर बिजली चोरी की जाती है और यह सबकुछ निजी कर्मचारियों
की मिलीभगत से संभव होता है।
जिन्होंने कनेक्शन ही नहीं लिया है। कनेक्शन लेने वाले लोगों को मीटर चलता रहती है और वह कम बिजली का प्रयोग करते हैं, लेकिन जिन लोगों ने कनेक्शन नहीं लिया है वह बड़े पैमाने पर बिजली का प्रयोग करते हैं। जब नगर में छापामारी शुरु होती है तो अधिकारी उन्हीं निजी कर्मचारियों को साथ लेकर चलते हैं, जो चोरी से बिजली जला रहे लोगों के संपर्क में हैं। चे¨कग की पहले ही चोरी से बिजली जला रहे लोगों को सूचना मिल जाती है और चंद मिनट में ही विद्युत तार पोल से उतर जाता है। ऐसे में बिजली चोर आसानी से अधिकारियों की नजर से बच जाते हैं।
क्यों बिजली चोरी करते हैं लोग
जिन लोग कनेक्शन लेकर बिजली का प्रयोग कर रहे लोग बहुत बचा के ही बिजली का उपयोग करते हैं, तब भी उनका चार सौ रुपये से कम का बिल नहीं आता है, जबकि हजार रुपये से अधिक के बिजली का उपयोग बिना कनेक्शन वाले करते हैं। यह कर्मचारियों को सौ से दो सौ रुपये प्रत्येक महीने देते हैं। इसलिए यह बिजली का कनेक्शन नहीं लेते।