सनातन की साधना : ग्रामे-ग्रामे यज्ञ ,गृहे-गृहे उपासना :आचार्य प्रेमभूषण
ब्यूरो चीफ बिपिन सिंह महराजगंज

भारत रक्षक न्यूज
श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ में कथा का अमृत रसपान कराते आचार्य प्रेमभूषण जी महराज
महराजगंज शिकारपुर: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म दुनिया के सर्वाधिक प्राचीनतम धर्मों में से एक है ।इसे वैदिक ,आर्य या हिंदू धर्म भी कहते हैं जो 90 हजार वर्ष पुराना है।भारत की सिंधु घाटी सभ्यता के अनुसार ज्ञात रूप से लगभग 12 हजार वर्ष पुराना है ,जिसकी मूल साधना “ग्रामे-ग्रामे यज्ञ,गृहे-गृहे उपासना”है।यह बातें भिसवा में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में “सब धर्मों का मूल सनातन ” विषय पर प्रवचन करते हुए वृंदावन धाम,मथुरा से पधारे गीता मर्मज्ञ आचार्य प्रेमभूषण जी महराज ने कही। उन्होंने कहा कि इस धर्म में सबसे पहले 9057 ईसा पूर्व स्वयंभुव मनु ,6673 ईसा पूर्व वैवस्वत मनु ,5114 ईसा पूर्व श्रीराम तथा 3112 ईसा पूर्व श्रीकृष्ण का जन्म हुआ । यह धर्म ईश्वर में आस्था रखना, जीवों पर दया करना, कर्म,वचन व आचरण से शुद्ध रहना,क्षमा व अहिंसा करना, सत्य बोलना व पूजा तथा जप- तप करना,दान व यम-नियम का पालन करना सिखाता है।इस धर्म के अनुसार ईश्वर, आत्मा व मोक्ष को तत्व व ध्यान से जाना जा सकता है। यह अहं ब्रह्मास्मि (मैं ही ब्रह्म हूं)तथा तत्त्वमसि (तुम ही ब्रह्म हो) और संपूर्ण जगत ब्रह्ममय है।सनातन धर्म यह बताता है कि कर्म फल के अनुसार ही भोग करना पड़ता है और जन्म व पुनर्जन्म होता है।प्रधान यज्ञाचार्य अवधेश पांडेय के नेतृत्व में जहाँ सहायक आचार्यों की टोली प्रतिदिन वैदिक मंत्रों द्वारा लक्ष्मी नारायण के महामंत्रों का पाठ कर रही है। वहीं मानस व गीता मर्मज्ञ प्रेमभूषण जी महराज नित्य कथा का रसपान करा रहे हैं। वृंदावन धाम से पधारी लीलामण्डल द्वारा प्रतिदिन दिन में रामलीला व रात में रासलीला का मंचन किया जा रहा है। यज्ञ को सफल बनाने में ग्राम प्रधान जयगोविंद गुप्ता एवं महंत रामकेवल दास सहित रामनिवास गुप्ता, वैद्य अनिरुद्ध दास, बाबूराम यादव,रामराज,हरिचरन, अखिलेश गुप्ता, संजय गुप्ता, रामदवन चौधरी, तीरथ साहनी,ठाकुर गुप्ता,विनोद गुप्ता, बिरजू गुप्ता, यशपाल विश्वकर्मा,विनोद प्रजापति, शेषनाथ मोदनवाल, महेंद्र मद्धेशिया, अम्बिका गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता व परसोत्तिम विश्वकर्मा आदि समेत सम्पूर्ण ग्राम व क्षेत्रवासी पूरे मनोयोग से सपरिवार जुड़े हुए हैं।